सीमापार से घुसपैठ को रोकने की रणनीति

kashसीमापार से घुसपैठ रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने नए सिरे से अपनी रणनीति बनाई है। उनको खुफिया जानकारी मिली है कि पाकिस्तानी सेना का एक धड़ा ज्यादा से ज्यादा आतंकियों को भारत की सीमा में धकेलने की कोशिश में जुटा है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने तीन लेवल पर गश्त की रणनीति बनाई है। इसमें से एक गश्त लेवल बाड़ों से आगे होगा। सुरक्षा बल के जवान सीमा पर घुसपैठ पर अंकुश लगाए रखने के लिए दिन में चार से पांच बार दो एडिशनल लेवल की गश्त लगा रहे हैं। साथ ही बीएसएफ के जवान घुसपैठ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए इंटरनैशनल बॉर्डर पर थर्मल इमेजर और इंफ्रा रेट कैमरा यूज कर रहे हैं। इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम के साथ लागू करके सीमा पर घुसपैठ रोकने की कवायद तेज की जा सकती है। इस सिस्टम का मकसद इंटरनेशनल बॉर्डर के साथ बहती नदियों के रास्ते घुसपैठ को रोकना होगा। इसमें थर्मल इमेजिंग, फाइबर ऑप्टिक्स कम्यूनिकेशन, रडार स्कैनर और सेंसर्स का यूज किया जाएगा। इनको इंटरनैशनल बॉर्डर पर आठ जलधाराओं पर लगाया जाएगा जिनके रास्ते घुसपैठिए कश्मीर घाटी में आते रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कई नदी जल धाराओं पर काम शुरू हो चुका है।

होम मिनिस्ट्री के डेटा के मुताबिक भारत और पाकिस्तान के बीच बॉर्डर पर लगभग 145.876 किलोमीटर या 6.3% हिस्से में नदियों पर बाड़ नहीं लगी है। बीएसएफ के मुताबिक 2014-15 में 410 बार सीजफायर टूटे हैं। इससे पहले 2013 में जम्मू कश्मीर में 148 और 2012 में सिर्फ 21 बार ऐसा हुआ था।