शरणार्थी बन सकते हैं नागरिक

बुधवार को मोदी मंत्रिमंडल ने नागरिकता संशोधन बिल को पारित कर दिया। इसे अब संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में लाया जाएगा। संशोधित बिल के बाद अब सिर्फ कुछ ही देशों के नागरिकों को भारत की नागरिकता मिलेगी, जिनमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान शामिल हैं। हिंदूओं के अलावा सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई बिना किसी जरूरी वैध दस्तावेजों के भारतीय नागरिकता हासिल कर सकेंगे। वहीं, पहले शरणार्थियों को भारत में 11 साल रहने के बाद ही भारत की नागरिकता मिल सकती थी, जिसकी समय सीमा घटाकर अब 6 साल कर दी गई है। संशोधित बिल के अनुसार, इन तीन देशों से आए गैर-मुस्लिमों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी, लेकिन शर्त यह कि वे 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ गए हों। नागरिकता हासिल करने के बाद वे भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र को छोड़कर देश के किसी भी स्थान पर रह सकते हैं।