खेती उत्पादन को बढ़ाने में मदद करेंगे ‘पैदल इंजिनियर’

nareनरेंद्र मोदी सरकार ने इस वित्त वर्ष के अंत तक 3,000 पैदल इंजिनियरों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा है। इस साल अगस्त में करीब 100 लड़के एवं लड़कियों का एक बैच ग्रामीण आधारिक संरचना के निर्माण एवं खेती उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए अपना कौशल बढ़ाने के मकसद से अपने गांवों से कौशल निर्माण यात्रा को रवाना होंगे।

90 दिनों तक इन युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा जिसके बाद ये ‘पैदल इंजिनियर’ अपने क्षेत्र में काम करने के लिए तैयार हो जाएंगे। ‘पैदल इंजिनियर’ शब्द का इस्तेमाल पूर्व की यूपीए सरकार ने अपने शासन के आखिरी दिनों में किया था। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस टीम को संशोधित ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें करीब 80 फीसदी लड़कियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।  क्वॉलिफाइड सीनियर इंजिनियरों के एक ग्रुप को कार्यक्रम के मास्टर ट्रेनर के रूप में चिन्हित किया गया है। इस प्रोग्राम में पात्रता साबित करने के लिए छात्रों के पास 10 वीं पास या फेल का सर्टिफिकेट होना जारी है। पहले बैच को इस साल अगस्त से राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत दो केंद्रों पर प्रशिक्षित किया जाएगा। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘जिन युवाओं को इस प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षित किया जाएगा उनको महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत रोजगार दिया जाएगा और ग्रामीण क्षेत्रों में आधारिक संरचना निर्माण में वे अपने कौशल का इस्तेमाल करेंगे।

छात्रों को क्षेत्रमिति, ज्यामिति और त्रिकोणमिति की आधारिक शिक्षा से लेकर बुनियादी आधारिक संरचना, कृषि एवं सिंचाई से संबंधित शिक्षा तक दी जाएगी। 90 दिनों के कोर्स के बाद उनको राष्ट्रीय कौशल परिषद द्वारा एक सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा।

यह कार्यक्रम एनडीए सरकार की संपत्ति तैयार करने और क्षमता निर्माण के लिए ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में सुधार अभियान का एक हिस्सा है। ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता और आधारिक संरचना के निर्माण के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय एक पूर्ण रोजगार आजीविका (लाइफ) परियोजना भी चला रहा है। जिनलोगों ने कम से कम 100 दिनों तक मनरेगा में काम किया है और आधारिक शिक्षा हासिल कर रखी है वे इस परियोजना का इस्तेमाल अपने कौशल को अपग्रेड करने के लिए कर सकते हैं।

मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में बेमौसम बारिश से फसलों को नुकसान के बाद मोदी सरकार किसान समुदाय को राहत प्रदान करने के लिए कई कदम उठा रही है। सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में मनरेगा के लिए 34,699 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है जो पिछले साल के 34,000 करोड़ रुपये की तुलना में थोड़ा ज्यादा है। इस स्कीम के तहत प्रदत्त रोजगार में पिछले दो सालों में गिरावट आई है जो पूर्व के साल की रोजगार के औसत दिनों 45.97 से घटकर 40.14 हो गया है।