ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को दिए जाने वाले ईडब्ल्यूएस (EWS) कोटे पर आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अहम फैसला (important decision) सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में 10 फीसदी आरक्षण को बरकरार रखा है। इस मामले में चीफ जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस एस. रविंद्र भट, जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस जेपी पारदीवाला (Chief Justice UU Lalit, Justice Dinesh Maheshwari, Justice S. Ravindra Bhat, Justice Bela M. Trivedi and Justice JP Pardiwala) की बेंच ने फैसला दिया है। मामले की सुनवाई करते हुए पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण के पक्ष में 3-2 के अंतर से फैसला सुनाया है।

आपको बता दें कि जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस जेपी पारदीवाला ने आरक्षण का समर्थन किया है, जबकि चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस रविंद्र भट इसके खिलाफ हैं। जस्टिस दिनेश माहेश्वरी ने कहा कि यह कोटा संविधान के मूल सिद्धांतों और भावना का उल्लंघन नहीं करता है। माहेश्वरी के अलावा जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी ने ईडब्ल्यूएस कोटे के पक्ष में अपनी राय दी। उनके अलावा जस्टिस जेपी पारदीवाला ने भी गरीबों को मिलने वाले 10 फीसदी आरक्षण को सही करार दिया। हालांकि चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एस. रवींद्र ने ईडब्ल्यूएस कोटे को अवैध और भेदभावपूर्ण करार दिया। इस तरह सुप्रीम कोर्ट ने सामान्य वर्ग के गरीब वर्ग को 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर 3-2 से मुहर लगा दी है।

आपको बता दें कि 2019 में संविधान में 103वें संशोधन के जरिए ईडब्ल्यूएस आरक्षण को लेकर संसद ने एक कानून पारित किया था। इस फैसले को कई याचिकाओं के जरिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिस पर लंबी सुनवाई के बाद आज अदालत ने यह फैसला सुनाया है।