
आज उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस अरुण मिश्रा सेवानिवृत्त (Justice Arun Mishra Retirement) हो रहे हैं। उनका आखिरी कामकाजी दिवस 1 सितंबर यानी कल ही था। उन्होंने आखिरी दिन भी अहम दो फैसले दिए हैं, जिनमें एक उज्जैन महाकाल मंदिर में शिवलिंग के संरक्षण और दूसरा टेलिकॉम कंपनियों की अजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) की बकाया रकम के भुगतान की मियाद को लेकर है। इनके अलावा, जस्टिस मिश्रा ने अपने आखिरी दिनों में कुछ और बड़े फैसले दिए। इस मामले में वो उच्चतम न्यायालय के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (Ex-CJI Ranjan Gogoi) के नक्शे कदम पर चलते दिखे। जस्टिस गोगोई 17 नवंबर, 2019 को देश के मुख्य न्यायाधीश के पद से रिटायर हुए थे। उससे महज एक हफ्ता पहले 9 नवंबर, 2019 को उन्होंने वर्षों से चले आ रहे अयोध्या रामजन्मभूमि तथा बाबरी मस्जिद का ऐतिहासिक फैसला दिया। इसके अलावा, उन्होंने अपने आखिरी दिनों में ही राफेल रिश्वत विवाद, सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश और क्या चीफ जस्टिस को RTI के दायरे में आना चाहिए, इन सारे बड़े विवादों पर फैसले दिए।