‘खुदा हाफिज चैप्टर 2: अग्निपरीक्षा’ में विद्युत जामवाल का जोरदार एक्शन, जानें कैसी है फिल्म

विद्युत जामवाल की पहचान एक्शन हीरो के तौर पर की जाती है। उनकी फिटनेस कमाल की है और बतौर एक्शन हीरों ये इसमें काफी फिट बैठते हैं। खुदा हाफिज में वह अपने प्यार को बचाने के मिशन पर निकले थे और सबका दिल जीता था। ‘खुदा हाफिज चैप्टर 2 अग्निपरीक्षा’ में वह एक बार फिर मिशन पर हैं, लेकिन इस बार उन्हें बदला लेना है अपनी बेटी का। इस तरह ‘खुदा हाफिज चैप्टर 2 अग्निपरीक्षा’ में वह एक्शन के साथ ही इमोशंस का छौंक लगाते नजर आ रहे हैं। उन्होंने अपने एक्शन अंदाज से फिर फैन्स का ध्यान खींचा है।

‘खुदा हाफिज चैप्टर 2’ की कहानी समीर (विद्युत जामवाल) और नरगिस (शिवालिका ओबेरॉय) की है। नरगिस अपने साथ हुए हादसे से उबर नहीं पाई हैं जबकि समीर उसे उससे बाहर निकालने के लिए सबकुछ करता है। इस सब के बीच उनकी जिंदगी में आती है नंदिनी। लेकिन एक दिन नंदिनी किडनैप हो जाती है और उसके बाद समीर और नरगिस की जिंदगी में तूफान आ जाता है। अब समीर एक बार फिर हालात से लड़ता है और सितम करने वालों को सबक सिखाता है। इस तरह डायरेक्टर फारुक कबीर ने कहानी में इमोशंस और एक्शन का बैलेंस बिठाने की कोशिश की है। लेकिन फिल्म को थोड़ा टाइट रखा जा सकता था। फिल्म खींची हुई लगती है और कमजोर डायरेक्शन कहानी के फ्लो को तोड़कर रख देता है। फिर कहानी भी एक सिम्पल रिवेंज ड्रामा से ज्यादा कुछ नहीं है।

‘खुदा हाफिज चैप्टर 2’ में विद्युत जामवाल ने एक्शन और इमोशन सही ढंग से परदे पर पिरोया है। उनके एक्शन सीन रोंगटे खड़े कर सकते हैं। शिवालिका ने भी ठीक-ठाक काम किया है। लेकिन शीबा चड्ढा और राजेश तैलंग ने अपने किरदारों को बहुत ही शिद्दत के साथ निभाया है, और दिखा दिया है कि वह मंजे हुए कलाकार हैं। खुदा हाफिज 2 कहानी या डायरेक्शन के मोर्चे पर कुछ भी नया लेकर नहीं आई है।

रेटिंग: 2.5/5 स्टार
डायरेक्टर: फारुक कबीर
कलाकार: विद्युत जामवाल, शिवालिका ओबेरॉय, शीबा चड्ढा और राजेश तैलंग