आज शहीद राम प्रसाद बिस्मिल का बलिदान दिवस

देश की आजादी की लड़ाई में शहीद हुए राम प्रसाद बिस्मिल (Ram Prasad Bismil) का आज बलिदान दिवस है (Martyrs Day)। प्रसिद्ध काकोरी कांड के महानायक को शहीद हुए आज 93 साल हो गए हैं। आज ही के दिन 19 दिसंबर 1927 को अंग्रेजों ने उन्‍हें मैनपुरी षड्यंत्र के आरोप में गोरखपुर जेल में फांसी दी थी। आज पूरा देश उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है।

राम प्रसाद बिस्मिल का जन्म 11 जून 1897 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में हुआ था। 19 साल की उम्र में ही वे क्रांतिकारी आंदोलन में कूद गए थे। महज 30 साल की उम्र में ही वे देश के लिए शहीद हो गए थे। आजादी की लड़ाई में फांसी के फंदे पर झूलने से पहले उन्‍होंने अंग्रेजी में कहा था, “आई विश डाउनफाल ऑफ ब्रिटिश इम्‍पायर”। काकोरी कांड में अंग्रेजों ने उनके साथ अशफाक उल्‍लाह खान, राजेन्‍द्र लहरी, रोशन सिंह को भी फांसी की सजा सुनाई थी।

राम प्रसाद बिस्मिल की अंतिम यात्रा में डेढ़ लाख लोग शामिल हुए थे। उनकी शहादत पर उनकी मां ने कहा था कि मैं अपने बेटे के भारत मां के बलिदान पर रोऊंगी नहीं, क्‍योंकि मुझे ऐसा ही ‘राम’ चाहिए था। मुझे उस पर गर्व है।