आज छठ पूजा का पर्व

आज देशभर में छठ पूजा की तैयारी (Preparation of Chhath Puja) जोरों पर है। आज डूबते सूर्य को अर्घ्य (Arghya to the setting sun) दिया जाएगा। शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का विशेष विधान होता है। इस पूजा की शुरुआत मुख्य रूप से बिहार से हुई, जो अब देश-विदेश तक फैल चुकी है। षष्ठी तिथि को डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाता है और पर्व का समापन सप्तमी तिथि को सूर्योदय के समय अर्घ्य देने के साथ होता है। छठ मैय्या को सूर्य देव की मानस बहन माना गया है, इसलिए छठ के अवसर पर छठ मैय्या के साथ भगवान भास्‍कर की आराधना पूरी निष्‍ठा व परंपरा के साथ की जाती है।

पूजा की विधि…

छठ पूजा वाले दिन, सबसे पहले तीन बांस और पीतल की तीन टोकरियां या सूप लें। एक सूप में नारियल, गन्ना, शकरकंद, बड़ा नींबू, लाल सिन्दूर, चावल, कच्ची हल्दी, सिंघाड़ा आदि रखें। दूसरे सूप में प्रसाद के लिए मालपुआ, खीर पूरी, सूजी का हलवा और चावल के लड्डू रखें। तीसरी टोकरी या सूप में कपूर, चंदन, दीया, शहद, पान, सुपारी आदि भी रखें। हर सूप में एक दिया और अगरबत्ती जलाएं।

फिर सूर्य को अर्घ्य देने के लिए नदी या तालाब में उतरें या घर में ही एक बाल्टी में पानी भरकर रखें व डूबते सूर्य को संध्या अर्घ्य देकर इस पर्व का समापन करें। सूर्य को जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का उपयोग करना चाहिए।