
आपने अक्सर अपने आस-पास किसी न किसी को मिर्गी के दौरे पड़ते देखा होगा। इसे रोकने के लिए हर साल 17 नवंबर को राष्ट्रीय मिर्गी दिवस (National Epilepsy Day) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को मिर्गी के प्रति जागरूक करना है। मिर्गी एक तंत्रिका संबंधी बीमारी है (Nerve related disease)। तंत्रिका की गतिविधि में रुकावट आने पर किसी को भी ये दौरे पड़ सकते हैं। इस बीमारी की रोकथाम बहुत ही मुश्किल है (Treatment is tough)। बहुत कम मामलों में ही दवाईयां काम करती हैं। कुछ प्राकृतिक तरीकों से भी मिर्गी का इलाज किया जा सकता है, जिसमें कई जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। वैसे मिर्गी के इलाज में सबसे असरदार विटामिन बी-6 को माना जाता है। कई मामलों में डॉक्टर विटामिन-ड़ी और विटामिन-ई की गोलियां देकर भी इसका इलाज करते हैं। इसके अलावा एक्यूपंक्चर और काइरोप्रेक्टिक से भी मिर्गी के उपचार में मदद मिलती है। कुल मिलाकर मिर्गी की बीमारी का इलाज काफी मुश्किल होता है।