कच्ची उबड़-खाबड़ धूल-धुसरित सड़क के किनारे बनी झुग्गियां. खेलते रोते अधनंगे बच्चे, उदास बैठी बुज़ुर्ग महिलाएं, सवालों पर चुप्पी साधे चेहरे और उनके चेहरों पर भिनभिनाती मक्खियां।
ये दिल्ली के मदनपुर खादर इलाक़े में म्यांमार से भागकर आए रोहिंग्या लोगों की बस्ती है। रोहिंग्या अपने आप को भारत में शरणार्थी मानते हैं, लेकिन भारत सरकार उन्हें ‘रोहिंग्या अवैध विदेशी’ कहती है।
बीते तीन दिन से रोहिंग्या चर्चा में हैं। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक ट्वीट कर भारत सरकार के रोहिंग्या लोगों को दिल्ली में फ़्लैट देने की घोषणा की हैं।
हिंदूवादी संगठनों ने इसका विरोध किया तो गृह मंत्रालय ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि ‘रोहिंग्या अवैध विदेशियों’ को फ़्लैट नहीं दिए जा रहे हैं।