शबनम की फांसी पर रोक लग गई है (stay on hanging of Shabnam)। इस तरह से देश में आजादी के बाद पहली बार किसी महिला को होने वाली फांसी फिलहाल टल गई है। शबनम ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के सामने दोबारा पुनर्विचार की दया याचिका दायर की है (filed mercy petition for reconsideration)। इस वजह से उसका डेथ वारंट जारी नहीं हो सका है। अब राज्यपाल इस याचिका पर अगला फैसला लेंगे।
रामपुर कारागार के अनुसार शबनम के वकील ने राज्यपाल के सामने पुन: विचारण दया याचिका दायर की है। इसकी एक प्रति अमरोहा सेशन कोर्ट में भेज दी गई है।अब जब तक इस पुन: विचारण याचिका पर फैसला नहीं हो जाता तब तक आगे की कार्रवाई नहीं हो सकती। अगर दया याचिका खारिज हो जाती है, तब फिर से डेथ वारंट जारी किया जाएगा।
इस तरह से अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही परिवार के 7 लोगों की हत्या करने वाली शबनम को एक बार फिर से कुछ समय के लिए जीवनदान मिल गया है। 15 अप्रैल, 2008 को शबनम ने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने माता-पिता, दो भाई, भाभी, फुफेरी बहन व मासूम भतीजे को मार डाला था। इसके बाद सलीम व शबनम को फांसी की सजा सुनाई गई थी।