
भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) भारतीय सशस्त्र सेना (Indian Armed Forces) का ही एक हिस्सा है जो वायु युद्ध (air war), वायु सुरक्षा (air safety), और वायु चौकसी (air safety) का काम देश के लिए करती है। 8 अक्टूबर 1932 को इसकी स्थापना की गई थी और आज ही के दिन भारतीय वायुसेना दिवस (Indian Air Force Day) के नाम पर मनाया गया था और आज इसे 90 साल पुरे हो चुके है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि 1950 में पूर्ण गंणतत्र (full republic) घोषित (declared) होने से पहले इसे रॉयल इंडियन एयरफोर्स (Royal Indian Airforce) के नाम से भी जाना जाता था। 1945 के द्वितीय विश्वयुद्ध (1945 World War II) में इसका बहुत महत्वपूर्ण योगदान था। आज़ादी के पश्चात 1950 में पूर्ण गणतंत्र घोषित होने के बाद “रॉयल” (Royal) शब्द को हटाकर सिर्फ “इंडियन एयरफोर्स” (Indian Air Force) के नाम पर बदल दिया गया है।
भारत की आज़ादी के बाद भारतीय वायुसेना ने अपने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (neighboring country pakistan) के साथ चार युद्धों (four wars) में योगदान दिया है और चीन के साथ भी एक युद्ध में अपना योगदान दिया हैं। भारतीय सेना अब तक ऐसे कई बड़े मिशन को अंजाम दे चुकी है। “ऑपरेशन विजय (Operation Vijay) – गोवा का अधिग्रहण (takeover of Goa), ऑपरेशन कैक्टस (Operation Cactus), ऑपरेशन पुमलाई (Operation Pumalai) और ऑपरेशन मेघदूत (Operation Meghdoot) जैसे मिशन शामिल है” ऐसे कईं विवादों के बावजूद भारतीय वायुसेना संंयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन (Indian Air Force UN Peacekeeping Mission) का भी लगातार हिस्सा रही है और भारत के राष्ट्रपति भारतीय वायु सेना के कमांडर इन चीफ (Commander in Chief) के रूप में काम करते हैं। वायु सेनाध्यक्ष, एयर चीफ मार्शल एक चार सितारा कंमाडर (Chief of Air Staff, Air Chief Marshal A four-star commander) हैं और वह वायु सैना का नेतृत्व करते हैं। क्या आप यह जानते हैं कि भारतीय वायु सेना में किसी एक समय में एक से अधिक एयर चीफ मार्शल सेवा में नही होते। इसका सदर मुकाम नई दिल्ली में स्थित हैं और 2006 के आंकड़ो को देखें तो कुल मिलाकर 170,000 जवान और 1,350 लड़ाकू विमान हैं जो इसे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना होने का दर्जा दिलाती है।
जानकारी के अनुसार 1926 ई. में भारतीय वायुसेना (Air Force) और स्कीन कमेटी (Skeen committee) के द्वारा 1926 ई. में की गई सिफारिश के आधार पर 1 अप्रैल 1933 में भारतीय वायुसेना का गठन किया गया था। कुछ वापिटि (Wapiti) विमानों (planes), क्रानवेल (cranwell) प्रशिक्षित कुछ उड़ाकों तथा वायुसैनिकों के छोटे से दल से इस सेना ने कार्यारंभ किया। पिछले 35 वर्षों में भारतीय वायुसेना का विशेष विस्तार और प्रतिष्ठा कायम हुआ है। आज भारतीय वायुसेना राष्ट्र की सुरक्षा की नज़र से सशस्त्र सेना का आवश्यक और अलग हिस्सा है। जबकि यह आधुनिक वायुयानों से सजा हुआ एक विस्तारी वायुसेना का उड़ाकू बेड़ा बन चुका है।