
आज संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) का व्रत है। हर चतुर्थी का अपना अलग महत्व होता है। किंतु इस चतुर्थी का अपना एक विशेष महत्व है। आज के दिन भगवान गणेश (lord ganesh) की विशेष कृपा बरसती है। भक्तों की सभी बाधाएँ दूर होती हैं। यश, धन, वैभव और अच्छी सेहत की प्राप्ति होती है। ग्राम मुरु निवासी आचार्य पंडित सतीश पांडेय ने बताया कि शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी माना जाता है। संकष्टी चतुर्थी सभी संकटों को हरने वाली होती है। हर चतुर्थी का अपना अलग महत्व होता है। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए पूजा-अर्चना और उनकी उपासना की जाती है। इस दिन व्रत करने और सच्चे मन से भगवान की अराधना करने से भक्तों की सभी बाधाएं दूर होती हैं। संकष्टी चतुर्थी व्रत बिना चंद्रमा को जल अर्पित किए पूर्ण नहीं होता है। इस दिन जो लोग व्रत रखते हैं, उनको भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करना चाहिए।