प्रियंका बनेंगी एक अच्छी माँ, बताई अपने दिल की बात

मां बनना किसी भी औरत के लिए एक अज़ाज की बात हैं। यह अहसास महिला को उसके पूरा कर देता है। हां, वो बात अलग है। मां बनने वाली महिलाओं के भीतर अपने बच्चे को लेकर तमाम तरह की आशंकाएं और डर गर्भव्यावस्था से ही होने लगती है।

ग्लोबल स्टार बन चुकीं प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) भी इन दिनों ऐसी ही अवस्था से गुजर रही हैं, आपको बता दे की इसी साल की शुरूआत में सरोगेसी के जरिए प्रियंका चोपड़ा ने अपनी बेटी का स्वागत किया है। दरअसल, अपने मदरहुड फेज को एन्जॉय करते हुए प्रियंका चोपड़ा ने पहली बार अपनी बेटी को लेकर बात की है। इस दौरान उन्होंने बताया है कि वह कैसे अपनी बेटी की परवरिश करना चाहती हैं।

लिली सिंह की बुक लॉन्चिंग के दौरान प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) ने अपनी बेटी की परवरिश पर बात करते हुए कहा कि ‘मैं और निक अभी नए पैरेंट्स बने हैं। यही एक वजह भी है कि दूसरी माओं की तरह मैं भी अपनी बेटी के बारे में सोचती रहती हूं। हालांकि, मैं कभी भी अपनी इच्छाओं या डर को अपनी बेटी पर नहीं थोपूंगी।

ऐसा इसलिए क्योंकि आपके जरिए बच्चे खुद अपना रास्ता बना सकते हैं। मैं इस बात को मानती हूं, क्योंकि इससे मेरी भी मदद हुई है। मेरे माता-पिता मुझे बहुत से मामलों में जज नहीं करते थे।’

खैर, ऐसा पीसी ही नहीं बल्कि जर्नल ऑफ न्यूरोलॉजी साइंसेज की एक स्टडी भी कहती है कि ‘अगर मां शुरूआत से ही अपनी बेटी को दोस्त बनाकर चलें, तो न केवल उनका बॉन्ड मजबूत होता है बल्कि उन्हें एक-दूसरे को समझने में भी मदद मिलती है। ऐसा तब होता है, जब बच्चों पर अपनी राय थोपी नहीं जाए।

प्रियंका की बात से साफ जा़हिर होता है। की मां-बेटी के रिश्ते में समझदारी होना बहुत जरूरी है। क्यूंकि मां अपनी बेटियों के लिए समझौता कर लेती हैं। लेकिन जब बात बेटियों की बात आती है, तो वह अपनी मां को नहीं समझतीं। हालांकि,आजकल की मॉर्डन माएं अपनी बेटियों के साथ फ्रेंड जैसा ही रिश्ता रखती है।