
आज से ससंद में बजट सत्र की शुरूआत हो गई (Budget session starts)। इसका आरंभ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ हुआ (Speech of President)। राष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में हुई हिंसा पर दुख जताया है (expressed grief on Delhi violence)। इसके अलावा उन्होंने कई अहम मुद्दों पर सरकार के प्रयासों का समर्थन भी किया।
अपने अभिभाषण के दौरान माननीय राष्ट्रपति ने कहा, ”इस समय देश में कृषि कानूनों को लागू करने पर सर्वोच्च न्यायालय ने रोक लगा रखी है। मेरी सरकार इस निर्णय का पूरा सम्मान करते हुए उसका पालन करेगी। पिछले दिनों गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन तिरंगे का अपमान होना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही हमें सिखाता है कि कानून और नियमों का भी उतनी ही गंभीरता से पालन भी करना चाहिए।” उन्होंने कहा, ”व्यापक विचार विमर्श के बाद संसद ने सात महीने पहले तीन महत्वपूर्ण कृषि कानून बनाए थे। इनका लाभ 10 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को तुरंत मिलना शुरू भी हो गया है। इसके महत्व को समझते हुए ही अनेक राजनीतिक दलों ने समय-समय पर इन कानूनों को अपना भरपूर समर्थन दिया था।”
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसके अलावा कोरोना, भारतीय सीमा पर तनाव जैसे कई मुद्दों पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि इतने संकटों के बावजूद भी हमारा देश मजबूती से खड़ा रहा। चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों न हो, न हम रुकेंगे और न भारत रुकेगा। राष्ट्रपति ने केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे देश में संकट के समय सरकार आम जनता के साथ खड़ी रही। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के संदेश को आगे ले जाने का आह्वान भी किया।