
हिंदू धर्म में पौष अमावस्या का काफी अधिक महत्व है। यह साल की आखिरी अमावस्या मानी जाती है। पंचांग के अनुसार, पौष मास के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को पौष अमावस्या कहते हैं। कुछ जगहों पर इसे छोटा श्राद्ध भी कहा जाता है और हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 22 दिसंबर को शाम 7 बजकर 13 मिनट से शुरू हुई थी, जो 23 दिसंबर को शाम 3 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार पौष अमावस्या का व्रत आज रखा जाएगा। पौष अमावस्या के दिन व्रत रखने के साथ ही स्नान दान का भी विशेष महत्व होता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार आज सुबह 7 बजकर 11 मिनट से 11 बजकर 3 मिनट तक स्नान का शुभ मुहूर्त है। कहा जाता है कि इस दिन स्नान और दान करने से लोगों को अच्छा फल मिलता है। अमावस्या के दिन सुबह 9 बजकर 45 मिनट से लेकर सुबह 11 बजकर 3 मिनट तक अमृत श्रेष्ठ मुहूर्त है। इस दिन दान करने से पितर प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं। कहा जाता है कि जिस घर में पितरों की कृपा होती है उस घर में कभी भी कोई परेशानी नहीं आती है।