
रामलला (Ramlala) की प्राण प्रतिष्ठा के बाद वहां बने मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) सभी को संंबोधित कर रहे हैं। उन्होंने कहा– ‘कितना कुछ कहने को है मगर कंठ अवरुद्ध है। शरीर स्पंदित हो रहा है। हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे। अब वह इसी दिव्य मंदिर में रहेंगे। जो घटित हुआ है, इसकी अनुभूति देश के कोने-कोने में राम भक्तों को हो रही होगी। ये नए कालचक्र का उद्गगम है। देश गुलामी की मानसिकता को तोड़कर आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी तपस्या में जरूर कोई कमी होगी जो हम इतनी सदियों से ये काम नहीं कर पाए हैं। पीएम मोदी ने इसके लिए रामलला से क्षमा मांगी हैं और कहा है कि उन्हें भरोसा है कि राम जी उन्हें क्षमा कर देंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की न्यायपालिका का धन्यवाद दिया है। पीएम ने कहा कि ‘अपने अनुष्ठान के दौरान मैनें उन स्थानों का दौरा किया जहाँ राम गए थे। रामकथा असीम है और रामायण अनंत है।