वाराणसी (Varanasi) के ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Campus) स्थित व्यास तहखाने में पूजा शुरू करने के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में सुनवाई हुई। बुधवार को हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन (Advocate Vishnu Shankar Jain) ने सबसे पहले अपनी दलीलें पेश कीं। मामले की सुनवाई जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल (Justice Rohit Ranjan Aggarwal) की एकलपीठ में हुई। अब मामले की अगली सुनवाई 12 फरवरी को सुबह 10 बजे होगी।
उच्च न्यायालय बुधवार को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें वाराणसी अदालत के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें हिंदू भक्तों को ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में प्रार्थना करने की अनुमति दी गई थी।
हिंदू पक्ष के वकील हरि शंकर जैन ने सीपीसी की धारा 152 के बारे में बताया जिसमें किसी भी तरह की त्रुटि होने पर बाद में सुधारा किया जाता है। जैन ने तर्क दिया कि 1993 तक व्यास तहखाने में नियमित तौर पर पूजा-अर्चना की जाती थी। 1993 के बाद साल में एक बार पूजा की जाने लगी। मुस्लिम पक्ष ने कभी भी पूजा पर आपत्ति नहीं जताई है।