
तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना मोहम्मद साद (Maulana Mohammad Saad) की बेनामी संपत्ति दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश तक फैली हुई है। इस संपत्ति को साद ने विदेशों से होने वाली फंडिंग से एकत्र किया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और क्राइम ब्रांच (Crime Branch) की जांच में इसके खिलाफ सबूत मिले हैं। यही नहीं जांच एजेंसियों को यह भी पता चला है कि मौलाना साद को करीब 150 देशों से फंडिंग होती थी। मरकज मामले के बाद दिल्ली में हुए दंगों के आरोपियों से भी मौलाना साद के तार जुड़े थे। जांच एजेंसियों (Investigation agencies) ने इसकी पूरी छानबीन कर ली है। ईडी ने साद के खातों की भी जांच की है, जिसमें अब तक करीब 10 साल के दस्तावेजों की जांच की गई है, जिसमें यह भी पता चला है कि साद को किन-किन देशों से फंडिंग की जा रही थी। सूत्रों के मुताबिक अब तक 150 देशों के नागरिकों के नाम सामने आए हैं, जो धार्मिक आयोजन के नाम पर फंडिंग कर रहे थे।