कान फिल्म महोत्सव की शुरुआत हो चुकी है. फिल्म महोत्सव में दिखाई जाने वाली फिल्मों में निर्देशक श्याम बेनेगल की फिल्म “मंथन” भी दिखाई गई जो एक बार फिर लोगों के दिलों पर छाप छोड़ने में सफल रही. इस मौके पर डॉ. कुरियन की पुत्री निर्मला कुरियन, स्वर्गीय स्मिता पाटिल के बेटे प्रतीक बब्बर, अभिनेता नसीरुद्दीन शाह अपनी पत्नी रत्ना पाठक शाह, और अमूल के प्रबंध निदेशक (एमडी) जयेन मेहता कान के रेड कार्पेट पर नज़र आए. आपको बता दें कि मंथन फिल्म का निर्माण 48 साल पहले हुआ था और इस फिल्म के निर्माण में गुजरात के पांच लाख किसानों ने धन का योगदान दिया था. सन् 1976 में बनी स्मिता पाटिल द्वारा अभिनीत “मंथन” डॉ. वर्गीस कुरियन के ‘दूग्ध सहकारी आंदोलन’ से प्रेरित है, जिन्होंने भारत को दूध की कमी वाले देश से दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादकों में से एक में बदलने के लिए ‘ऑपरेशन फ्लड’ का नेतृत्व किया था. 1977 में इस फिल्म को दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिले थे.
स्वास्थ्य कारणों से कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए बेनेगल ने याद करते हुए बताया कि कैसे जिन किसानों ने फिल्म बनाने में मदद की थी उन्होंने इसे सफल बनाने में भी मदद की. गुजरात के किसानों ने सिनेमाघरों में सामूहिक रूप से फिल्म देखकर इसे हिट बनाया था. इस फिल्म को शुक्रवार को ‘कान क्लासिक्स सेगमेंट’ के तहत प्रदर्शित किया गया.