पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी राज्य में अकेले चुनाव लड़ेगी। उन्होंने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी का कांग्रेस (Congress) से कोई संबंध नहीं है। ममता बनर्जी ने बुधवार को ऐलान किया कि तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) बंगाल की 42 लोकसभा सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। कहीं न कहीं ममता बनर्जी के मन में विपक्षी गठबंधन का चेहरा बनने की चाहत थी लेकिन किसी ने उनका नाम प्रस्तावित नहीं किया। यहाँ तक कि उनके बार-बार दिल्ली आने से भी कोई फायदा नहीं हुआ। ममता के इस फैसले के बाद बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने उन पर तंज कसा है।
अमित मालवीय (Amit Malviya) ने एक्स पर लिखा, “ममता बनर्जी के मन में कहीं न कहीं विपक्षी गठबंधन का चेहरा बनने की चाहत तो थी लेकिन किसी ने भी उनका नाम का प्रस्ताव नहीं रखा। यहाँ तक कि उनके बार-बार दिल्ली आने से भी कोई फायदा नहीं हुआ। बंगाल चुनाव के बाद राज्य में हुई हिंसा के खून को ममता बनर्जी छिपा नहीं पाईं और खुद को तुष्टिकरण की राजनीति से बाहर नहीं बता पाईं। शर्मिंदा ममता ने अपना चेहरा बचाने के लिए भारत गठबंधन के चेहरे के रूप में मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम आगे करके खुद को इस प्रक्रिया से अलग कर लिया। ममता को एहसास हुआ कि घबराहट के बावजूद, विपक्षी खेमे में उनके पास कुछ भी नहीं है और वह लंबे समय से अपने बाहर निकलने के लिए जमीन तैयार कर रही थीं।”