
आजकल श्राद्ध यानि कि पितृपक्ष चल रहे हैं (Shraddh or Pitrapaksha)। ये 2 से 17 सितंबर तक चलेंगे। इस दौरान पितरों अर्थात पूर्वजों को प्रसन्न किया जाता है (Make happy acestors)। हिंदू धर्म के अनुसार पितृपक्ष के दौरान पितरों की पूजा और पिंडदान करना बहुत ही फलदायक माना गया है। मान्यता है कि पितृपक्ष के दिनों में हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं। अगर उनके परिवार वाले उनकी पूजा और पिंडदान करते हैं तो वे प्रसन्न हो जाते हैं। बदले में वे अपने परिवार वालों को सुखी रहने का आशीर्वाद देते हैं। माना जाता है कि श्राद्ध में ब्राह्मणों, जीवों और पशु-पक्षियों को भोजन कराने से उनका खाया हुआ हमारे पूर्वजों को लगता है। वे पशु-पक्षियों के माध्यम से हमारे द्वारा बनाया गया भोजन ग्रहण कर लेते हैं। श्राद्ध करते समय पितरों को अर्पित करने वाले भोजन के पांच अंश निकाले जाते हैं, जिनसे गाय, कुत्ता, चींटी, कौवा और देवताओं को भोजन कराया जाता है। इन पांच अंशों का अर्पण करने को पञ्च बलि कहा जाता है।