लोकसभा में पेश हुआ जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन बिल

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 पर बुधवार को संसद में चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा और बताया कि 2019 में धारा 370 को खत्म करने के बाद से लेकर अब तक राज्य में क्या कुछ बदला है।

अमित शाह ने कहा कि मैं यहां जो बिल लेकर आया हूँ वह उन लोगों को न्याय और अधिकार देने से संबंधित है जिनके साथ अन्याय हुआ, जिनका अपमान हुआ और जिनकी उपेक्षा की गई। किसी भी समाज में जो वंचित हैं, उसे आगे लाना चाहिए, यही भारत के संविधान की मूल भावना है। उन्हें इस तरह से आगे लाना है कि उनका सम्मान कम न हो। अधिकार देना और सम्मानपूर्वक अधिकार देना दोनों में बहुत अंतर है। इसलिए इसका नाम कमजोर और वंचित वर्ग की बजाय अन्य पिछड़ा वर्ग किया जाना जरूरी है।

80 के दशक में जब कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार किया गया और उन्हें बेघर कर दिया गया तो कोई मदद के लिए आगे नहीं आया। अगर उस समय की सरकारें पहले आतंकवाद को खत्म कर देती तो इन लोगों को प्रदेश छोड़ने की जरूरत नहीं पड़ती। जब ये लोग विस्थापित हुए तो उन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में जाना पड़ा। एक लाख से अधिक लोग अपने ही देश में विस्थापित हो गए। वे इतने विस्थापित हुए कि उनकी जड़े ही अपने क्षेत्र और उनके राज्य से उखड़ गईं। ये बिल इन्हीं लोगों को समर्थन देने के लिए है।