दिल्ली के यमुना में नहीं कर सकेंगे मूर्ति विसर्जन

आज से गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का पर्व शुरू हो गया है। इस दिन लोग घर में गणपति बप्पा (ganpati bappa) की मूर्ति की स्थापना करते हैं और पूरे 10 दिन उनकी पूजा-अराधना करते हैं। 10वें दिन अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) पर गणेश जी का विसर्जन किया जाता है। बप्पा के विसर्जन को ध्यान में रखते हुए दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी ने गाइडलाइन जारी की हैं।

दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी यानी डीपीसीसी ने गणेश और दुर्गा मूर्तियों के विसर्जन को लेकर जो गाइडलाइन जारी की हैं। जानकारी के मुताबिक, यमुना में विसर्जन नहीं किया जा सकेगा। ऐसा करने पर 50 हजार रुपये तक का जुर्माना (YAMUNA) देना पड़ सकता है। डीपीसीसी की ओर से कहा गया कि अलग-अलग जिलों में कृत्रिम पौंड बनाए जाएँगे, जहां पर मूर्तियों का विसर्जन हो सकेगा। वहीं, सिर्फ नेचुरल मिट्टी से बनी हुई मूर्तियां के इस्तेमाल की इजाजत होगी, पीओपी से बनी मूर्तियों के इस्तेमाल की इजाजत नहीं होगी।