
केंद्र सरकार ने ओटीटी प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया (OTT platform and social media) के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं (Guidelines issued by Govt)। ओटीटी प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया कंपनियों की मनमानी रोकने के लिए सरकार ने ‘इंफर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000’ के तहत नए नियम बनाए हैं। इस एक्ट में तीन तरह के प्लेटफॉर्म्स आते हैं- ओटीटी, सोशल मीडिया और डिजिटल न्यूज।
नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम और एमएक्स प्लेयर जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया की निगरानी के लिए सरकार ने इनके लिए बनाए गए नियमों को और कड़ा कर दिया है। अब अगर इनमें से किसी पर भी कोई आपत्तिजनक सामग्री को लेकर कोई शिकायत आती है, तो उस प्लेटफॉर्म को तुरंत उस सामग्री को हटाना होगा। यही नहीं फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसी कंपनियों को इन सामग्री की निगरानी के लिए शिकायत निपटान अधिकारी की नियुक्त करना अनिवार्य होगा। अगर कोई घटना होती है तो सरकार को जांच में सहयोग करना पड़ेगा।
सरकार ने ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए सेंसर सर्टिफिकेट अनिवार्य तो नहीं किया है, लेकिन कंपनियों को खुद इस पर नियंत्रण रखने को कहा गया है। अब ओटीटी प्लेटफॉर्म को खुद बताना होगा कि वे जो फिल्म दिखा रहे हैं वह किस कैटेगरी की है अर्थात क्या वह फिल्म सिर्फ वयस्कों के लिए है या नाबालिग भी इन्हें देख सकते हैं।