भारत में आजादी के बाद पहली बार किसी महिला को होगी फांसी

देश की आजादी (Independence of the country) के बाद, भारत के इतिहास (History) में ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जब किसी महिला को फांसी दी जाएगी। उत्तर-प्रदेश (Uttar Pradesh) के मेरठ में रहने वाले पवन जल्लाद अमरोहा की शबनम (Shabnam) को फांसी देने की तैयारी कर रहे हैं। पवन ने फांसी देने के लिए मथुरा जेल का निरीक्षण किया (done inspection) और फांसी (Hanging) के तख्त व लीवर की कमियों के बारे में जेल प्रशासन को बताया।

पवन जल्लाद (Pawan executioner) ने कुछ समय पहले निर्भया कांड (Nirbhaya scandal) के 4 दोषियों को फांसी दी थी और अब वो अमरोहा (Amroha) की शबनम को फांसी देने के लिए तैयार है। पवन का कहना है कि इस तरह से निर्मम हत्या करने वाले और अपने परिवार के सात लोगों का खात्मा करने वाले दोषियों को फांसी की सजा होनी चाहिए। देश की आजादी के बाद एक बार फिर मथुरा जेल में किसी महिला को फांसी देने की तैयारियां चल रही हैं। फांसी की तारीख तय होना बाकी है।

आपको बता दें कि अमरोहा निवासी शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर 15 अप्रैल 2008 की रात को अपने ही घर में खूनी खेल खेला था। उसने अपने माता-पिता, दो भाई, एक भाभी, मौसी की लड़की और मासूम भतीजे को कुल्हाड़ी से काटकर कुल 7 लोगों की हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड से पूरे उत्तर-प्रदेश में हड़कंप मच गया था। उस समय शबनम को सांत्वना देने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री भी मुरादाबाद पहुंची थीं। लेकिन पुलिस तफ्तीश में दहाड़ें मार-मारकर रोने वाली शबनम ही परिवार का खात्मा करने वाली निकली। गुनहगार शबनम ने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर घर के 7 लोगों को चाय में जहर मिलाकर पिलाया और बाद में कुल्हाड़ी से काट डाला।