असम में बाढ़ में तैरती लाश और ‘गंदा’ पानी पीने को मजबूर हैं लोग

सिलचर शहर के बिलपार इलाक़े में लोगों की भारी भीड़ है। परेशान लोगों की इस भीड़ में अधिकतर के कपड़े पानी में भीगे हुए हैं। सेना की गाड़ियां खड़ी हैं और उनमें नावें लदी हुई हैं। नारंगी रंग की पोशाक पहने एनडीआरएफ़ यानी नेशनल डिज़ास्टर रिस्पॉन्स फ़ोर्स के जवान रबड़ की नाव में हवा भर रहें है।

एनडीआरएफ़ के एक वरिष्ठ अधिकारी लोगों को फ़ोन पर दिलासा दे रहें है कि उनकी टीम जल्दी ही बचाव के लिए पहुंच रही है। कैमरा देखते ही कुछ लोग शिकायत करने आ जाते हैं तो कुछ लोग ग़ुस्सा हो जाते हैं। एक व्यक्ति वहां से चिल्लाते हुए गुज़रता है कि किसी भी नेशनल मीडिया ने हमारी परेशानी को नहीं दिखाया हैं।

बिलपार मोड़ से महज़ दो क़दम आगे बढ़ते ही बाढ़ का गंदा पानी घुटने तक आ जाता है। इससे आगे की गलियों में 8 से 10 फ़ुट पानी भरा हुआ है।

पानी जिस तेज़ गति से इन गलियों से गुज़र रहा है वहां कोई भी खड़ा नहीं हो सकता है। मोड़ पर खड़े ट्रकों से राहत के तहत दिए जा रहे राशन को नावों में लोड किया जा रहा है। लेकिन यह राशन बाढ़ में डूबे इलाक़े की आबादी के मुक़ाबले बहुत कम नज़र आता है।