भारत में सहकर्मियों के व्यवसाय मॉडल में सुधार

भारत में ‘अनुकूल और उत्पादक कार्यस्थल’ (Positive and Productive work places) उस समय की जरूरत बन गए हैं, जब कर्मचारियों को सही वातावरण प्रदान करने और उन्हें बढ़ावा देने में मदद करने की बात आती है। देश में सहकर्मियों (Coworkers) के स्थान और उनकी स्वीकृति के साथ, उद्योग ने इस बारे में धारणा बदल दी है कि एक विशिष्ट कार्यक्षेत्र (Special Work Area) क्या है और एक स्वस्थ कार्य वातावरण (Healthy Work Environment) के क्या-क्या कार्य होने चाहिए। जहाँ पहले उद्योग, बदलते बाजार और जन सांख्यिकीय ताकतों के लिए कम चुस्त था, अब यह उन तत्वों को समझकर शामिल कर रहा है, जो तेजी से परिचालन का विस्तार और अनुबंध कर सकते हैं और अपने कार्य बल को कई विकल्प दे सकते हैं। भारत में सहकर्मी वर्ग ने हाल के वर्षों में प्रभावशाली वृद्धि देखी है और अब यह आधुनिक कार्यक्षेत्रों के लिए एक उत्प्रेरक है। भारत के शीर्ष सात शहरों में ऑपरेटर्स के साथ-साथ लचीले स्पेस टेक-अप (Space Tech-up) में विकास देखा गया है। सहकर्मियों की बढ़ती लोकप्रियता को कुल कार्यालय पट्टे (Office Lease) में सहकर्मियों की हिस्सेदारी में स्पाइक (Spike) द्वारा देखा जा सकता है। इस क्षेत्र में विकास, मौजूदा खिलाड़ियों के तेजी से परिमार्जन और नए व्यापार मॉडल के साथ, नए लोगों के प्रवेश के लिए जिम्मेदार है। सहकर्मी ऑपरेटरों द्वारा नए प्रयोगों और मिश्रण को अपनाया गया है। उनकी नेटवर्किंग घटनाएं, सामुदायिक पहल और रचनात्मक डिजाइन समुदाय की भावना को बढ़ावा देते हैं और सहयोग को प्रोत्साहित करते हैं। लचीलापन, शानदार सुविधाओं के साथ मिलान (intertwined) और एक समुदाय संचालित परिस्थिति की, तंत्र को कब्जा करने वाले स्थानों को आकर्षित कर रहे हैं। ये स्थान अद्वितीय सुविधाएँ जैसे कि व्यायामशाला, क्रेच सेवाएँ, फूड कोर्ट आदि प्रदान करते हैं जो उन्हें लोकप्रिय बना रहे हैं।