आम आदमी के हाथ लगी मायूसी

आज केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने संसद में वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश किया है। इस बजट में आम आदमी (common man) के हाथ मायूसी लगी है। बजट में कॉरपोरेट घरानों को बड़ी राहत दी गई। कॉरपोरेट टैक्स को 18 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी कर दिया गया है। इसके साथ ही कॉरपोरेट सरचार्ज को 12 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी कर दिया है। सहकारी टैक्स में भी कटौती हुई, लेकिन मिडिल क्लास के उम्मीदों पर वित्त मंत्री ने एक बार फिर से पानी फेर दिया।

दरअसल, कोरोना काल में आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहे मध्यम वर्ग (middle class) को इस बार इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव को लेकर बड़ी उम्मीदें थीं। मध्यम वर्ग के लोगों को इस बजट से महंगाई और टैक्स में छूट को लेकर बड़े ऐलान की उम्मीद थी। लेकिन महंगाई और टैक्स पर छूट को लेकर कोई बड़ा ऐलान नहीं हुआ और वित्त मंत्री ने नौकरीपेशा लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया।

इस बार के बजट में आम आदमी के जेब पर बोझ भी बढ़े हैं। वित्त मंत्रालय ने बजट में आर्टफिशियल गहनों के आयात पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी है। ऐसे में आने वाले वक्त में ये गहने महंगे हो सकते हैं। मध्यम वर्ग ही आर्टिफिशियल गहनों का सबसे बड़ा उपभोक्ता माना जाता है। बजट में हीरे के आभूषणों को सस्ता किया गया है जो की मध्यम वर्ग की पहुंच से बाहर ही माने जाते हैं। सरकार ने पॉलिस हीरे पर कस्टम ड्यूटी घटा दी है।

बरसात के दिनों में भीगने से बचाने वाली छतरियां भी अब से महंगी हो जाएंगी। सरकार ने बजट में छातों के इम्पोर्ट टैक्स को को बढ़ा दिया है। साथ ही छाता बनाने में इस्तेमाल होने वाले कलपुर्जों पर मिलने वाली टैक्स छूट को खत्म कर दिया है। राहत की बात यह है कि कपड़ा, चमड़े का सामान, मोबाइल फोन, चार्जर, खेती के सामान सस्ते होंगे। इसके अलावा विदेशी मशीनें और इलेक्ट्रानिक समान सस्ते होंगे।