कंपनियां बिक्री के समय वाहन का ध्वनि स्तर बताएं : एनजीटी

ध्वनि प्रदूषण से लोगों की सेहत को बहुत बड़ा खतरा है। इसी को ध्यान में रखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने ऑटोमोबाइल्स कंपनियों को कहा है कि किसी भी वाहन की बिक्री के समय ग्राहकों को उसके ध्वनि स्तर के बारे में जरूर बताएं। एनजीटी ने कहा है कि कंपनियों को ग्राहकों व सरकारी अधिकारियों को इस बारे में बताना चाहिए, जिससे वाहन के खरीदने के तरीके में भी बदलाव आएगा और लोग कम आवाज करने वाले वाहनों को खरीदने की ओर बढ़ेंगे। ट्रिब्यूनल ने हॉर्न से निकलने वाली ध्वनि के स्तर के बारे में भी जानकारी देने को कहा है। एनजीटी के मुताबिक शहर वाले इलाकों में ध्वनि का स्तर बढ़ता जा रहा है, जो सेहत के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है। इससे सबसे ज्यादा बच्चों और बुजुर्गों को खतरा है। एनजीटी ने महाराष्ट्र प्रदूषण बोर्ड (Maharashtra Pollution Board) को निर्देश दिया है कि वह विनिर्माण के स्तर पर ही वाहनों के लिए ध्वनि स्तर मानक जारी करें। ट्रिब्यूनल ने महाराष्ट्र में वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण पर रोक लगाने का भी निर्देश दिया है। अधिकृत एजेंसियो से वैध प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट वाले वाहनों को ही परिचालन की अनुमति दी जाएगी।