
उच्चतम न्यायालय (Supreme court) ने आज वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ को ‘राजद्रोह के मामले’ में राहत मिली है। उनके यूट्यूब चैनल में उनकी कथित आरोपों वाली टिप्पणियों के लिए शिमला, हिमाचल प्रदेश में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी (FIR) को रद्द कर दिया। अदालत ने देशद्रोह के मामले को रद्द करने की मांग करने वाली उनकी याचिका पर फैसला सुनाया।
पिछले साल 6 अक्टूबर को जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस विनीत सरन की बेंच ने दुआ, हिमाचल प्रदेश सरकार और मामले में शिकायतकर्ता की दलीलें सुनने के बाद याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने 20 जुलाई को इस मामले में विनोद दुआ को किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से प्रदत्त संरक्षण की अवधि अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दी थी।
आपको बता दें कि, दुआ के खिलाफ उनके यूट्यूब कार्यक्रम के संबंध में छह मई को शिमला के कुमारसेन थाने में बीजेपी नेता श्याम ने एफआईआर (FIR) दर्ज कराई थी। याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि दुआ ने अपने यूट्यूब (YouTube) कार्यक्रम ‘द विनोद दुआ शो’ में विवादित बोल बोले थे, जो सांप्रदायिक घृणा को भड़का सकते थे और जिससे अशांति और सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा हो सकता था।