रेलवे स्टेशन पर छिड़ी मुहीम पानी की खपत कम करके बूमि की प्यास बुझाने का प्रयास

पश्चिम मध्य रेलवे के स्टेशनों (West Central Railway stations) ने पानी की खपत कम करके जमीन की प्यास बुझाने में बड़ी उपलब्धी हासिल की हैं। जोन के भोपाल, इटारसी, रानी कमलापति, जबलपुर (Zone of Bhopal, Itarsi, Rani Kamlapati, Jabalpur) और कोटा जैसे प्रमुख स्टेशन ने हर महीने 25 लाख लीटर पानी (25 lakh liters of water per month) की खपत कम कर ली है। ये 30 लाख लीटर पानी का पुनः उपयोग कर रहे हैं। इन स्टेशनों से एक दिन में 750 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं। जिनमें लाखों यात्री सफर करते हैं। इनके आसपास बनाए गए लघु तालाबों में लबालब पानी भरा है, जो भूमि की जल संग्रहण क्षमता बढ़ाने में मदद कर रहे हैं।

पश्चिम मध्य रेलवे के अकेले भोपाल रेल मंडल के भोपाल, रानी कमलापति और इटारसी स्टेशन की बात करें तो ये तीनों प्रमुख स्टेशन अब हर माह 10 लाख लीटर से अधिक पानी की खपत कम कर रहे हैं। ये तीनों हर माह 15 लाख लीटर से अधिक उपयोग किए गए पानी को पुनः चक्रित ’उपचारित’ करके उसका उपयोग रेलवे ट्रैक की सफाई करने और गर्मी के दिनों में पेड़ों में डालने में कर रहे हैं। जिसका उपयोग पुनः साफ सफाई में किया जा रहा है। इसके लिए बड़े बड़े संयंत्र बनाए हैं। पानी के उपयोग को नियंत्रित करने के लिए वाटर मीटर लगा दिए हैं।

14 छोटे तालाब बनाए गए
भोपाल रेल मंडल ने ऐसे 14 छोटे तालाबों का निर्माण पूरा किया गया हैं। जिनमें लबालब पानी भर गया हुआ है। इन तालाबों का निर्माण बीते दो वर्षों में पूरा किया है। जिसके बाद गर्मी के दिनों में इनके आसपास के स्टेशनों के उपयोग के लिए बोर में पानी की कमी नहीं आ रही है।