बिलकिस बानो के सभी 11 दोषियों को फिर जाना होगा जेल

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान हुए बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले (Bilkis Bano Case) में 11 दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के फैसले को रद्द कर दिया। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने 12 अक्टूबर को मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह मामला उन 11 दोषियों की शीघ्र रिहाई से संबंधित है जिन्होंने बानो के साथ सामूहिक बलात्कार किया और दंगों के दौरान उसके परिवार के सदस्यों की हत्या कर दी थी।

रिहा किए गए 11 दोषियों के नाम हैं- जसवंत नाई, गोविंद नाई, शैलेश भट्ट, राध्येशम शाह, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहानिया, प्रदीप मोरधिया, बाकाभाई वोहानिया, राजूभाई सोनी, मितेश भट्ट और रमेश चंदना।

आपको बता दें कि गुजरात सरकार ने मई 2022 के फैसले के बाद उनकी सजा में छूट दी थी। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सजा माफी के आवेदन पर उस राज्य की नीति के मुताबिक विचार किया जाना चाहिए जहां अपराध किया गया था, न कि जहां मुकदमा हुआ था। उस फैसले के अनुसार, गुजरात सरकार ने दोषियों को रिहा करने के लिए अपनी छूट नीति लागू की थी, हालांकि मामले की सुनवाई महाराष्ट्र में हुई थी।