
देश के लगभग 600 कलाकारों, लेखकों, विद्वानों, पूर्व न्यायाधीशों और नौकरशाहों ने नागरिकता संशोधन विधेयक को भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी बताते हुए सरकार से इसे वापस लेने की मांग की है। सरकार को लिखे एक खुले पत्र में इन लोगों ने विधेयक को संविधान के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ बताया है। इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में इतिहासकार रोमिला थापर, सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव, तीस्ता सीतलवाड, हर्ष मंदर, अरुणा राय और बेजवाड विल्सन, आदि शामिल हैं।