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13 अगस्त 1980 को मुरादाबाद (Moradabad) में हुए दंगे की रिपोर्ट मंगलवार को विधानसभा (Assembly) में पेश की जाएगी। 43 साल बाद सरकार इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने जा रही है। सरकार सदन को रिपोर्ट पेश करने में देरी का कारण भी बताएगी। ईद की नमाज के बाद मुरादाबाद में दंगे (riots) भड़के थे। स्थानीय दुकानों पर हमले किए गए। जवाबी हमले के बाद भारी दंगा हो गया था।
आपको बता दें कि इस दंगों में 83 लोगों की मौत हो हुई थी और 113 लोग घायल हुए थे। सरकार सदन को रिपोर्ट पेश करने में देरी का कारण भी बताएगी। ईद की नमाज़ के बाद मुरादाबाद में दंगे भड़के थे। स्थानीय दुकानों पर हमला किया गया। जवाबी हमले के बाद भारी दंगा हुआ। सरकार ने मामले की जांच जस्टिस सक्सेना आयोग को सौंपी थी। उन्होंने इस मामले की रिपोर्ट साल 1983 में सरकार को सौंपी। रिपोर्ट आने के 40 साल बाद भी कई पार्टियों की सरकारों ने इस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया। इस दंगे में मुस्लिम और वाल्मीकि समाज आमने-सामने थे।