आरबीआई ने दिया झटका

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार (07 दिसंबर 2022) को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो को 0.35 प्रतिशत बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत करने का निर्णय लिया। वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच महंगाई को नियंत्रित करने के मकसद से आरबीआई ने यह कदम उठाया है। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर के अनुमान को सात प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है।

रेपो दर में बढ़ोतरी का मतलब है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों से कर्ज लेना महंगा हो जाएगा और मौजूदा कर्ज की मासिक किस्त (EMI) बढ़ जाएगी। मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने टेलीविजन पर जारी बयान में कहा, ‘‘मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए एमपीसी ने नीतिगत दर रेपो में 0.35 फीसदी बढ़ाकर 6.25 फीसदी करने का निर्णय लिया है।’’