हार्ट अटैक आए तो करें ये काम

What to do if you have a heart attack

हाल ही में हार्ट अटैक (Heart Attack) से बड़े-बड़े सेलिब्रेटी का निधन हुआ है। हार्ट अटैक को मायोकार्डियल इंफार्क्शन (Myocardial Infarction) भी कहा जाता है। जब हृदय की मांसपेशियों को उचित मात्रा में रक्त नहीं मिल पाता है तो हार्ट अटैक की समस्या हो जाती है। हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति को बहाल करने में जितना अधिक समय लगता है, हृदय की मांसपेशियों को उतना ही अधिक नुकसान होता है और रोगी को अधिक जोखिम होता है।

जानकारी के मुताबिक, हार्ट अटैक में आमतौर पर सीने में दर्द 15 मिनट से अधिक समय तक रहता है। कुछ लोगों को सीने में हल्का दर्द होता है, जबकि कुछ लोगों को अधिक-गंभीर दर्द होता है। बेचैनी आमतौर पर छाती में दबाव या भारीपन से जुड़ा होता है, हालांकि कुछ लोगों को सीने में दर्द या दबाव बिल्कुल भी नहीं होता है।

एस्पिरिन को तब तक चबाएं और निगलें जब तक इमरजेंसी मेडिकल हेल्प आप तक न पहुंच सके। एस्पिरिन आपके रक्त में थक्का जमने से रोकने में मदद करता है। दिल का दौरा पड़ने पर इसे लेने से यह दिल की क्षति को कम कर सकता है। अगर आपको एस्पिरिन से एलर्जी है या आपके डॉक्टर ने एस्पिरिन नहीं लेने के लिए कहा है तो एस्पिरिन न लें।

हार्ट अटैक आए तो क्या करें… (What to do if you have a heart attack)

हार्ट अटैक आने पर सबसे पहले मरीज को लिटा दें और उसके टाइट कपड़े उतार दें। मरीज के सिर को नीचे की तरफ करके पैर थोड़ा ऊपर की ओर उठाकर लिटाएं, ताकि इससे पैरों के ब्लड की सप्लाई हार्ट की ओर बढ़ जाए।

मरीज की नाक को अपनी उंगलियों से दबाकर रखिए और अपने मुंह से कृत्रिम सांस दें। नथुनों को दबाने से मुँह से दी जा रही सांस सीधे फेफड़ों तक जा सकेगी। लंबी सांस लेकर अपना मुंह चिपकाएं, हवा मुंह से किसी तरह से बाहर न निकल रही हो। मरीज का तकिया हटा दें और उसकी ठुड्डी को पकड़कर ऊपर उठा दें। इससे सांस की नली का अवरोध कम हो जाता है और कृत्रिम सांस में कोई अवरोध नहीं होता है।

मरीज की नाड़ी और सांस की जाँच करें। अगर नब्ज नहीं चल रही है तो अस्पताल पहुंचने तक सी.पी.आर. करें। ऐसा करने के लिए मरीज को कमर के बल लिटाकर अपनी हथेलियों को मरीज की छाती के बीच में रखें और हाथ को नीचे की ओर दबाएँ। ऐसा कम से कम सौ बार प्रति मिनट करें।