महिमा चौधरी के चेहरे से निकाले गए थे 67 कांच के टुकड़े

फिल्म ‘परदेस’ से बॉलीवुड में पहचान बनाने वाली महिमा चौधरी जूझ रही हैं ब्रैस्ट कैंसर से

परदेस फिल्म में गंगा की भूमिका निभाने वाली महिमा चौधरी को भूलना मुश्किल हैं। महिमा चौधरी 1990 की मिस इंडिया विनर रह चुकी हैं। करियर के शुरुआती दौर में महिमा ने कुछ चैनलो मे बतौर वीडियो जौकी के रूप में काम किया हैं। निर्देशक सुभाष घई ने उन्हो देखा औऱ अपनी बड़ी फिल्म में बतौर एक्टर उन्हें साइन कर लिया।

महिमा के करियर का अंत बेहद दर्दनाक था जब उनका कार ऐक्सिडेंट हुआ था। महिमा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि कैसे एक कार ऐक्सिडेंट ने उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से तोड़कर रख दिया था।

उन दिनों महिमा जानेमाने निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा के साथ अजय देवगन और काजोल की 1999 में आई होम प्रोडक्शन फिल्म ‘दिल क्या करे’ में काम कर रहीं थी। उस दौरान वह बेंगलुरु में थीं। जब एक दिन वह शूट पर जा रही थीं, एक ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी ज़बर्दस्त थी कि कार के शीशे टूटकर उनके चहरे में घुस गए। उस वक्त महिमा की हालत ऐसी थी कि शायद वो जिंदा ना बच सके।

महिमा ने बताया कि इसके बाद वो बड़ी मुश्किल से अस्पताल पहुंच पाईं क्योंकि कोई उन्हें अस्पताल नहीं ले जा रहा था अस्पताल पहुंचने के बाद उनकी मां और अजय देवगन उनसे मिलने आए। एक्सीडेंट के बाद जब उन्होंने पहली बार आईने में अपना चेहरा देखा, तो उनके होश उड़ गए। उनके पूरे चहरे पर सिर्फ टांके ही टांके नजर आ रहे थे। डॉक्टर ने उनकी सर्जरी कर कांच के 67 टुकड़े उनके चेहरे से निकाले थे। इस हादसे ने महिमा को तोड़ के रख दिया था। महिमा का घर से निकलना मुश्किल हो गया था क्यूंकि उनके चेहरे पर जरा भी धूप की रोशनी पड़ती तो उनके चेहरे से निशान कभी नही मिटते।

अब महिमा चौधरी की ज़िंदगी में एक और बड़ी मुसीबत आ गई है, उन्हें ब्रेस्ट कैंसर है। लेकिन महिमा को यकीन है कि वो इस मुश्किल से भी लड़कर बाहर निकलेंगी और फिर से बॉलीवुड में अपनी किस्मत आजमाएंगी।