
आतंकवादी हमले की कथित साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार संदिग्ध आईएसआईएस सदस्य मोहसिन इब्राहिम सैयद को आज दिल्ली की एक अदालत ने 20 फरवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। हिरासत की अवधि खत्म होने पर सैयद को अदालत में पेश किया गया। दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने हिरासत में पूछताछ के लिए और समय मांगा। विशेष प्रकोष्ठ का कहना था कि मामले में जांच के मकसद से उसे मुजफ्फरनगर, आगरा और लखनउ ले जाने की जरूरत है।
पुलिस ने दावा किया कि मुंबई का रहने वाला 26 वर्षीय मोहसिन सीरिया स्थित आईएसआईएस आतंकवादी यूसुफ अल हिंदी के संपर्क में आया और बीते साल दिसंबर में उसने अपना घर छोड़ दिया और पश्चिम एशिया के इस आतंकवादी समूह का सदस्य बन गया। आरोप है कि यूसुफ के निर्देश पर ही मोहसिन ने आतंकवादी हमला करने के मामले में गिरफ्तार चार सह आरोपियों को रकम उपलब्ध करायी थी। पुलिस ने हिरासत की अर्जी में बताया, ‘उसने (मोहसिन ने) घर छोड़ने के बाद यूसुफ के निर्देश पर भारत में कई राज्यों की यात्रा की। जांच के मकसद से आरोपी को मुजफ्फरनगर, आगरा और लखनउ लाना होगा। आरोपी की सूचना पर फेसबुक और अन्य अकाउंट से जानकारी हासिल करना अभी बाकी है।’
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रीतेश सिंह ने अर्जी मंजूर करते हुए मोहसिन की हिरासत 10 दिनों के लिए बढ़ा दी। मोहसिन के अलावा चार अन्य सह आरोपी – अखलाकुर रहमान, मोहम्मद ओसामा, मोहम्मद अजीमुशान और मोहम्मद मेहराज को भी अदालत के समक्ष पेश किया गया और उन्हें भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। मोहसिन की हिरासत मांगते हुए विशेष प्रकोष्ठ ने दावा किया कि पूछताछ के दौरान उसने बताया है कि वह (मोहसिन) अपने एक दोस्त के जरिए यूसुफ के संपर्क में आया था, जो आईएसआईएस का सदस्य बनने के लिए अफगानिस्तान चला गया।
पुलिस ने आरोप लगाया कि चार गिरफ्तार सह आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि वे फेसबुक और अन्य चैटिंग सुविधाओं के जरिए यूसुफ के संपर्क में आए और उसने उन्हें भारत में ‘जिहाद’ के लिए प्रेरित किया। उन्होंने दावा किया, ‘यूसुफ ने उन्हें हरिद्वार या अर्ध कुंभ मेला जाने वाली एक ट्रेन में विस्फोट करने का जिम्मा सौंपा था। विस्फोट करने के मकसद से आरोपियों ने विस्फोटक सामग्री इकट्ठा की, विस्फोट खरीदने के लिए धन लिया, सिम कार्ड एवं मोबाइल खरीदे और हरिद्वार में टोह ली।