![Mohammed Rafi](https://www.news15.in/wp-content/uploads/2020/12/Mohammed-Rafi-696x464.jpg)
आज देश के महान गायक (Great Singer of Country) स्वर्गीय मोहम्मद रफी का जन्मदिन है (Birthday of Mohammed Rafi)। उनका जन्म आज ही के दिन 24 दिसंबर 1924 को अमृतसर के एक छोटे से गांव कोटला सुल्तानपुर में हुआ था। बचपन से ही उन्हें गाने का शौक था। कुछ समय बाद वे लाहौर आ गए, जहां उन्हें पहली बार स्टेज पर गाने का मौका मिला।
मोहम्मद रफी ने अपने जीवन में लगभग 28 हजार से अधिक गाने गाए, जो अपने आप में एक रिकार्ड है। उन्हें दुनिया का बेहतरीन गायक माना जाता था, जो हर तरह के गाने गा सकता था। सबसे पहले मो. रफी ने 1942 में फिल्म ‘गुल बलोच’ से गाने की शुरूआत की, जिसमें उन्हें सफलता नहीं मिली। इसके बाद वे 1946 में मुंबई आ गए।संगीतकार नौशाद ने फिल्म ‘अनमोल घड़ी’ में मोहम्मद रफी को पहला ब्रेक दिया। लेकिन रफी की पहचान बनी फिल्म ‘मेला’ के गीत ‘ये जिंदगी के मेले, दुनिया में कम न होंगे, अफसोस हम न होंगे’ से। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘बैजू बावरा’ से बडी शोहरत हासिल की। फिर 1960 में फिल्म ‘कोहिनूर’ के गाने ‘मधुवन में राधिका नाचे’ से मोहम्मद रफी नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए।
मोहम्मद रफी ने अपने जीवन में हर तरह के गीत गाए। 40 के दशक से लेकर 80 के दशक तक वे फिल्मों में छाए रहे। उनके गीत ‘तुम मुझे यूं भूला न पाओगे, जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे, संग संग तुम भी गुनगुनाओगे’ सुनकर आज भी लोग उन्हें याद करते हैं।