बलूचिस्तानी कार्यकर्ता करीमा बलोच की मौत, मोदी को बनाया था भाई

बलूचिस्तान की सामाजिक कार्यकर्ता (Activist of Baloochistan) करीमा बलोच की मौत हो गई है (Death of Karima Baloch)। उन्होंने बलूचिस्तान में हो रहे पाकिस्तान के जुल्मों के खिलाफ आवाज उठाई थी। उनकी जान को खतरा था, इसलिए वे कनाड़ा चली गई थीं, जहां कल उनकी लाश संदिग्ध परिस्थितियों में मिलने से हड़कंप मच गया। हालांकि उनकी मौत कैसे हुई, इसका पता अभी तक नहीं चल पाया है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान का विरोध करने के कारण उनकी हत्या कर दी गई हो।

करीमा बलोच ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना भाई बनाया था (PM Narendra Modi as brother)। 2016 में करीमा ने पीएम मोदी को रक्षाबंधन पर राखी भेजी थी। इस राखी के साथ करीमा ने मोदी से बलूचिस्तान की आजादी के लिए मदद करने की याचना भी की थी। इसमें करीमा ने मोदी से कहा था कि रक्षाबंधन के दिन आपको भाई मानकर मैं कुछ मांगना चाहती हूँ। बलूचिस्तान में कितने भाई शहीद हो चुके हैं। वहां के लोग आपको बहुत मानते हैं। आप दुनिया के सामने हमारे आंदोलन की आवाज बनकर हमारी रक्षा करें।

मालूम हो कि करीमा बलोच ने बलूचिस्तान में हो रहे जुल्मों के पीछे पाकिस्तान के असली चेहरे को बेनकाब कर दिया था। उन्होंने पाकिस्तानी सेना और आतंकियों के संबंधों को दुनिया के सामने लाने की कोशिश की थी। इससे पाकिस्तान के कट्टरपंथी उनकी जान के दुश्मन बन गए थे। अपनी जान बचाने के लिए वे कनाड़ा में जाकर छुप गई थीं, लेकिन वहां भी वह बच न सकीं।