![yakub-memon-55a5d0b078f3a_exlst](https://www.news15.in/wp-content/uploads/2015/07/yakub-memon-55a5d0b078f3a_exlst.gif)
मुंबई में 1993 के बम धमाकों के गुनहगार याकूब मेमन को 30 जुलाई को सुबह 7 बजे फांसी पर लटका दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने याकूब की क्यूरेटिव पिटीशन पर दोबारा सुनवाई करने से साफ इंकार कर दिया जिसके बाद उसकी फांसी का रास्ता साफ हो गया। उधर नागपुर जेल प्रशासन ने याकूब को फांसी देने की तैयारी पूरी कर चुका है। जेल में फांसी का फंदा तैयार है।
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने 21 जुलाई को याकूब की क्यूरेटिव पेटिशन खारिज कर दी थी। उसके बाद मंगलवार को दो न्यायाधीशों की बेंच ने क्यूरेटिव पिटीशन पर दोबारा सुनवाई के लिए चर्चा की लेकिन उनमें सहमति नहीं बन पाने के कारण मामले को उच्च पीठ के पास भेज दिया गया था। बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए उच्च पीठ ने याकूब और सरकार के पक्षों को फिर से सुनने के बाद याकूब की फांसी की सजा को सही ठहराया और दोबारा क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया। इस बीच महाराष्ट्र के राज्यपाल ने भी याकूब की दया याचिका को खारिज कर दिया जिससे उसकी फांसी का रास्ता साफ हो गया। फिलहाल याकूब को काल कोठरी में रखा गया है और उसके बाहर पुलिस का कड़ा पहरा है।
याकूब को फांसी देने के लिए तीन रस्सियों की व्यवस्था की गई है, लेकिन किस रस्सी के फंदे से याकूब को फांसी पर लटकाया जाएगा, यह उसी दिन तय किया जाएगा। नागपुर सेंट्रल जेल में तीन पुलिसकर्मियों को फांसी पर लटकाने की ट्रेनिंग दी गई है। याकूब की फांसी का मामला सांप्रदायिक रंग ले चुका है। लिहाजा यह तय है कि फांसी के बाद उसे जेल परिसर में ही दफनाया जाएगा। लेकिन याकूब के वकील का कहना है कि वह सरकार से उसका शव परिवार को सौंपने की मांग करेंगे।
याकूब की अंतिम क्रिया में उसकी पत्नी रेहान और बेटी जुबैदा को शामिल होने की इजाजत दिए जाने की संभावना है। बीते सप्ताह ही रेहान और जुबैदा सहित उनके कुछ रिश्तेदारों ने नागपुर सेंट्रल जेल में याकूब मेमन से मुलाकात की थी।