
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। इस पर लगाम लगाने के लिए आज से दिल्ली सरकार ने घर-घर जाकर कोरोना का सर्वेक्षण (House to House Survey) करने की शुरूआत की है। इसे दिल्ली का अब तक का सबसे बड़ा सर्वेक्षण माना जा रहा है।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की टीमें (Teams of Delhi Health Department) दिल्ली के लाखों घरों में जाएंगी। इसके द्वारा दिल्ली के 11 जिलों में रहने वाले लगभग 57 लाख लोगों का सर्वेक्षण होगा। इसके तहत कुल 9,500 टीमों को मैदान में उतारा गया है तथा प्रत्येक टीम में 2 से 5 लोगों को शामिल किया गया है। शुरू में यह सर्वेक्षण घनी आबादी और कंटेनमेंट जोन वाले इलाकों में किया जाएगा। इस काम को 5 दिन में पूरा कर लिया जाएगा। प्रत्येक टीम को एक दिन में 50 घरों का सर्वेक्षण करना है।
कुछ दिन पहले गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बैठक के दौरान यह निर्णय लिया था कि एम्स, दिल्ली सरकार और नगर निगमों की टीमें दिल्ली में सर्वेक्षण करेंगी। इससे प्राप्त जानकारी के आधार पर जिन लोगों में कोरोना के लक्षण पाए जाएंगे, उसी के अनुसार उनका इलाज कराया जाएगा। इसके अलावा यह भी पता लगाया जाएगा कि जो लोग फिलहाल होम आइसोलेशन में रह रहे हैं, वे कोरोना के दिशा-निर्देशों का सही से पालन कर भी रहे हैं या नहीं?
यह पाया गया है कि दिल्ली में संक्रमण के संदिग्ध लोगों की आइसोलेशन प्रक्रिया एक कमजोर कड़ी है, जिसके कारण मामले बढ़ रहे हैं। एक पॉजिटिव मामला सामने आने पर उसके संपर्क वाले 16 लोगों की फोन पर कांटेक्ट ट्रेसिंग की जा रही है। इसी तरह इस सर्वेक्षण में कॉन्टैक्ट्स ट्रेसिंग का काम आमने-सामने करना होगा।