
आज नवरात्रि (Navratri) का पांचवां दिन है। आज के दिन मां दुर्गा के स्कंदमाता (Skandmata) रूप की पूजा की जाती है। माँ स्कंदमाता को वात्सल्य की मूर्ति माना जाता है। मान्यता है कि इनकी पूजा करने से संतान योग की प्राप्ति होती है। हिन्दू मान्यताओं में स्कंदमाता सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं। जो भक्त सच्चे मन और पूरे विधि-विधान से स्कंदमाता की पूजा करता है उसे ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति होती है। स्कंदमाता के स्वरूप में, भगवान स्कंद 6 मुख वाले बालरूप में, माता की गोद में विराजमान हैं। माता ने अपने दाएं ओर की भुजा से कार्तिकेय को पकड़ा हुआ है। इस तरफ वाली निचली भुजा में माता ने कमल का फूल पकड़ा है। बाईं ओर की ऊपर वाली भुजा में वरमुद्रा और नीचे दूसरी भुजा में श्वेत कमल का फूल है। स्कंदमाता का वाहन सिंह है। माता के चारों ओर सूर्य का सदृश्य और अलौकिक तेजोमय मंडल है। मान्यता है कि स्कंदमाता की पूजा के दौरान मंत्र का जाप करने से देवी प्रसन्न होती हैं और भक्त को मनचाहा वरदान देती हैं।