
अब हाथरस कांड़ में पीड़िता के परिवार ने (Family of Hathras Victim) इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है (Filed a petition in Allahabad High Court)। इसमें परिवार वालों ने दावा किया है कि जिला प्रशासन ने उन्हें अवैध रूप से उन्हें उनके ही घर में कैद कर रखा है (Administration imprisoned at home)। उन्हें बाहर निकाला जाए और लोगों से मिलने दिया जाए। यह याचिका घर में कैद पीड़िता के पिता, मां, दो भाईयों और दो अन्य परिजनों की तरफ से वाल्मीकि समाज के लिए काम करने वाले एक संगठन ने दायर की है। इस याचिका में पीड़िता के परिवार वालों ने आरोप लगाया गया है कि 29-30 सितंबर को जिला प्रशासन ने उन्हें उनके ही घर में अवैध रूप से नजरबंद कर दिया था। इसके बाद से उन्हें किसी से भी मिलने नहीं दिया जा रहा। विरोध करने पर बाद में कुछ लोगों को उनसे मिलने दिया गया, लेकिन जिला प्रशासन अब भी उन्हें उनकी इच्छानुसार घर से बाहर नहीं जाने दे रहा, जिससे उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सूचना प्राप्त करने के अधिकारों का हनन हो रहा है।