
आज देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने नई शिक्षा नीति पर आयोजित राज्यपालों की कॉन्फ्रेंस (Conference) में हिस्सा लिया। इसमें शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल (Ramesh Pokhriyal) ‘ निशंक ‘ भी शामिल थे। केंद्र सरकार (central government) की ओर से पिछले दिनों ही नई शिक्षा नीति का ऐलान किया गया था, जिस पर अभी भी विचार विमर्श जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि देश के लक्ष्यों को शिक्षा नीति और व्यवस्था के जरिए ही पूरा किया जा सकता है। पीएम ने कहा कि शिक्षा नीति में सरकार का दखल कम होना चाहिए। इस नीति को तैयार करने में लाखों लोगों से बात की गई, जिनमें छात्र-शिक्षक-अभिभावक तथा शिक्षाविद् (Educationist) आदि सभी शामिल थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हर किसी को यह नीति अपनी जैसी लग रही है। शिक्षा के क्षेत्र में जो बदलाव लोग देखना चाहते थे, उन्हें ध्यान में रखकर यह नीति बनाई गई है। अब देश में नई शिक्षा नीति को लागू करने के तरीके पर संवाद हो रहा है। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि इससे इक्कीसवीं सदी के भारत का निर्माण होना है।
आपको बता दें कि हमारे देश में करीब 34 साल बाद नई शिक्षा नीति पेश की गई है। एक कमेटी के द्वारा काफी लंबे समय तक विचार-विमर्श के बाद कई सुझाव पेश किए गए थे, जिन्हें सरकार की ओर से पास किया गया। इसके अन्तर्गत शुरुआती वक्त में ही बच्चों को पढ़ाई के साथ व्यावहारिक शिक्षा, उच्च शिक्षा में रोजगार के अवसरों को पैदा करना, आदि बड़े फैसले लिए गए हैं।