
रामलला (Ramlala) की अपनी राम जन्मभूमि (Ram janmabhoomi) पर विराजने के बाद, जब श्रद्धालु उनके दर्शन करने जाएंगे, तब उन्हें उन दुर्लभ प्रतिमाओं के दर्शन का भी सौभाग्य मिलेगा, जो अधिग्रहण के दंश से पीड़ित होकर मानस भवन में निर्वासित जीवन बिता रही थीं। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा इन सभी मंदिरों के विग्रहों को रामलला के साथ ही प्रतिष्ठित किए जाने की योजना बनाई जा रही है। यह सभी विग्रह रामलला के परिक्रमा पद पर प्रतिष्ठित किए जाएंगे। रामलला के मंदिर का परिक्रमा पथ इतना लंबा होगा कि यह सभी देव विग्रह वहां पर विराज सकेंगे। इन सभी का पूजन अर्चन, राज भोग भी रामलला के साथ ही किया जाएगा। विवादित ढांचा ध्वस्त किए जाने के बाद केंद्र सरकार ने आसपास का इलाका अधिग्रहित कर लिया था। इससे कई प्रमुख मंदिर भी अधिग्रहण के दायरे में आ गए थे।