‘महाशिवरात्रि’ की धूम

आज ‘महाशिवरात्रि’ (Mahashivratri) का त्योहार है, जिसे पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में इसे एक खास तरीके से मनाया जाता है। कश्मीरी पंडित (Kashmiri Pandit) महाशिवरात्रि को ‘हेरथ’ (Herath) के नाम से मनाते हैं। हेरथ शब्द संस्कृत से लिया गया है। इसका हिंदी अर्थ होता है ‘हर रात्रि’। इसको दूसरे शब्दों में महाशिवरात्रि कहते हैं। हेरथ को जम्मू कश्मीर की संस्कृति को संरक्षित रखने का त्योहार भी माना जाता है। कश्मीर में यह पर्व काफी खास होता है। इसकी तैयारियाँ लगभग एक महीने पहले से ही शुरु हो जाती हैं। कश्मीरी पंडित महाशिवरात्रि पर ‘भगवान शिव की उनके परिवार सहित’ अपने घरों में स्थापना करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान वटुकनाथ घरों में मेहमान बनकर रहते हैं। इस दिन पूजन में प्रयोग में लाए जाने वाले बर्तनों का प्रतीकों के रूप में प्रयोग किया जाता है। कई घरों में पुराने समय के पीतल के बर्तनों का उपयोग किया जाता है। घरों में बनने वाले व्यंजनों में ‘कमल ककड़ी’ और ‘गांठगोभी’ काफी प्रमुख होती है। जम्मू-कश्मीर में इसे ‘मोंजी’ (Monji) और ‘नदरू’ (Nadru) के नाम से जाना जाता है।