
दिल्ली (Delhi) के रामलीला मैदान (Ramlila Maidan) में शनिवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulema-e-Hind) के 34वें अधिवेशन की शुरुआत हुई है। इस दौरान जमीयत प्रमुख मौलाना महमूद मदनी (Maulana Mahmood Madani) ने कहा कि समान नागरिक संहिता केवल मुसलमानों का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह हर धर्म, समूहों, जाति और वर्ग से जुड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि हम बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ नहीं हैं, धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।
आरएसएस संस्थापक की किताब बंच ऑफ थॉट्स में कई दिक्कतें हैं, लेकिन वर्तमान आरएसएस प्रमुख के हालिया बयानों को भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम मतभेद खत्म करने के लिए आरएसएस प्रमुख और उनके नेताओं का स्वागत करते हैं।
मौलाना मदनी ने आगे कहा कि हमारा देश बहुलतावाद और एकता का सबसे अच्छा उदाहरण है। लेकिन इसे अनदेखी करते हुए जो भी कानून पारित किए जाएँगे, उससे देश की एकता, अखंडता और विविधता प्रभावित होगी।