
ललिता बाबर ने 3,000 मीटर स्टेपलचेज में नए राष्ट्रीय रेकॉर्ड के साथ गोल्ड जबकि चक्का फेंक के दिग्गज खिलाड़ी विकास गौड़ा भी सोने का तमगा अपने नाम करने में सफल रहे। इस तरह 21वीं एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप के तीसरे दिन भारत ने तीन गोल्ड हासिल कर लिए।
ललिता ने 3,000 मीटर स्टेपलचेज में अपने ही राष्ट्रीय रेकॉर्ड में सुधार करते हुए नौ मिनट 34.13 सेकेंड के समय के साथ गोल्ड जीता। बहरीन की रुथ चेबेट के इस स्पर्धा से हटने के बाद ललिता को स्वर्ण पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। इंचियोन एशियाई खेलों में ललिता को पछाड़कर सिल्वर मेडल जीतने वाली चीन की ली झेनझू (नौ मिनट 41.43 सेकेंड) दूसरे स्थान पर रही जबकि मेजबान देश की झांग शियान ने नौ मिनट 46.82 सेकेंड के साथ तीसरा स्थान हासिल किया। छब्बीस साल की ललिता ने इसके साथ ही 2016 रियो ओलिंपिक के लिए भी क्वॉलिफाइ कर लिया। उन्होंने नौ मिनट 45 सेकेंड के क्वॉलफाइ स्तर से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया। इससे पहले उनका राष्ट्रीय रेकॉर्ड नौ मिनट 35.37 सेकेंड था जो उन्होंने ग्लास्गो में 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के दौरान बनाया था।
इस बीच गौड़ा ने 2013 में पुणे में जीते अपने खिताब की सफलतापूर्वक रक्षा की। हालांकि, वह उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए। अब तक ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाइ नहीं कर पाए गौडा ने 62.03 मीटर की दूरी तक चक्का फेंका जबकि इस साल प्रतियोगिताओं में वह दो बार 65 मीटर से अधिक की दूरी तय कर चुके हैं। कुवैत के इशा जनकावी (61.57 मीटर) को रजत जबकि ईरान के महमूद समीमी (59.78 मीटर) को ब्रॉन्ज मेडल मिला। जी लक्ष्मणन ने भारत के लिए 10,000 मीटर में 29 मिनट 42.81 सेकेंड के साथ रजत पदक जीता जो प्रतियोगिता का उनका दूसरा पदक है।
बहरीन के एशियाई खेलों के गोल्ड मेडल विजेता अल हसन अल अब्बासी (28 मिनट 50.71 सेकेंड) एक बार फिर चैंपियन बने। तमिलनाडु के लक्ष्मणन ने इससे पूर्व पहले दिन 5,000 मीटर में भी कांस्य पदक जीता था। शनिवार के तीन पदक के साथ भारत के तीन गोल्ड, तीन सिल्वर और दो ब्रॉन्ज पदक सहित कुल आठ पदक हो गए हैं। इंदरजीत सिंह ने तीन जून को प्रतियोगिता के पहले दिन भारत के लिए पुरुष गोला फेंक में पहला गोल्ड जीता था। अन्य स्पर्धाओं में धरमवीर सिंह और श्रावणी नंदा क्रमश: पुरुष और महिला 200 मीटर दौड़ के फाइनल में जगह बनाने में सफल रहे।